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Common Questions & Answers

1. पत्तियों का पीला पड़ना - नाइट्रोजन की कमी से सबसे पहले पुरानी पत्तियां पीली पड़ने लगती हैं। यह हरिमाहीनता कहलाता है।
2. विकास में रुकावट- पौधों की वृद्धि धीमी हो जाती है और वे छोटे रह जाते हैं।
3. पत्तियों का झड़ना- पुरानी पत्तियां समय से पहले झड़ने लगती हैं।
4. पत्तियों का पतला होना- पत्तियां पतली और कमजोर हो जाती हैं
5. फूल और फल का गिरना- फूल और फल समय से पहले गिरने लगते हैं और फल छोटे रह जाते हैं।
6. पत्तियों का मुरझाना- पत्तियां मुरझाने लगती हैं और पौधे की नई वृद्धि सूख जाती है।
समाधान:-
1. हर अमावस्या पूर्णिमा जड़ों पर हाई सीएन रेश्यियो का घोल चलाएं।
2. राह पोटेशियम, राह कैल्शियम, राह मैग्निशियम जमीन पर दें।

1. पत्तियों का गहरा हरा या बैंगनी रंग- फास्फोरस की कमी से पत्तियों का रंग गहरा हरा, बैंगनी या नीला हो सकता है यह लक्षण सबसे पहले पुरानी पत्तियों में दिखाई देता है।
2. विकास में रुकावट- पौधों की वृद्धि धीमी हो जाती है और वे छोटे रह जाते हैं जड़ें भी कमजोर हो जाती हैं और उनका विकास रुक जाता है।
3. पत्तियों का मुड़ना- पत्तियां नीचे की ओर मुड़ने लगती हैं और उनका आकार छोटा हो जाता है।
4. पत्तियों का झड़ना- पुरानी पत्तियां समय से पहले झड़ने लगती हैं।
5. फूल और फल का गिरना- फास्फोरस की कमी के कारण फूल और फल छोटे रह जाते हैं या गिर जाते हैं।
समाधान:-
1. बुवाई करते समय राह प्रॉम जमीन पर डालें।
2. फसल घुट्टी और जीवन ऊर्जा को जड़ों पर दें।
3. राह फास्फो पोटाश का स्प्रे करें।

1. पत्तियों का किनारों से पीला होना- पोटाश की कमी से पत्तियों के किनारे पीले हो जाते हैं और बीच का हिस्सा हरा रहता है यह लक्षण सबसे पहले पुरानी पत्तियों में दिखाई देता है।
2. पत्तियों पर भूरे धब्बे- पत्तियों पर भूरे या जलने जैसे धब्बे दिखाई देने लगते हैं यह धब्बे पत्तियों के किनारों और निचले हिस्से में अधिक होते हैं।
3. पत्तियों का मुड़ना और सूखना- पत्तियां किनारों से मुड़ने लगती हैं और सूख जाती हैं यह लक्षण भी सबसे पहले पुरानी पत्तियों में दिखाई देता है।
4. विकास में रुकावट- पौधों की वृद्धि धीमी हो जाती है और वे कमजोर हो जाते हैं जड़ें भी कमजोर हो जाती हैं और उनका विकास रुक जाता है।
5. फूल और फल का गिरना- फूल और फल छोटे रह जाते हैं या गिर जाते हैं।
समाधान:-
1. फसल घुट्टी और जीवन ऊर्जा को जड़ों पर दें।
2. राह पोटेशियम जड़ों के पास डालें।
3. राह फास्फो पोटाश का स्प्रे करें।

1. नई पत्तियों का पीला होना- सल्फर की कमी का सबसे प्रमुख लक्षण नई पत्तियों का पीला होना है यह नाइट्रोजन की कमी से अलग है जिसमें पुरानी पत्तियां पीली होती हैं।
2. पत्तियों का छोटा और पतला होना- सल्फर की कमी से पत्तियां छोटी और पतली हो जाती हैं यह पौधों की सामान्य वृद्धि को प्रभावित करता है।
3. पत्तियों का मुड़ना- पत्तियां किनारों से मुड़ने लगती हैं और उनका रंग हल्का पीला हो जाता है।
4. तने का पतला रह जाना- सल्फर की कमी से तना पतला और कमजोर हो जाता है जिससे पौधे की संरचना प्रभावित होती है।
5. फूल और फल का गिरना- सल्फर की कमी के कारण फूल और फल छोटे रह जाते हैं या गिर जाते हैं।
6. जड़ों का कमजोर होना- जड़ें कमजोर हो जाती हैं और उनका विकास रुक जाता है जिससे पौधे की पोषण क्षमता कम हो जाती है।
समाधान:-
1. राह सेल 25 किलो जमीन पर डालें।
2. खनिज भस्म के घोल में राह सल्फर तरल मिलाकर स्प्रे करेंँ।

1. पत्तियों का छोटा और विकृत होना- जिंक की कमी से नई पत्तियां छोटी और विकृत हो जाती हैं यह लक्षण सबसे पहले नई पत्तियों में दिखाई देता है।
2. पत्तियों का पीला होना- पत्तियों का रंग हल्का पीला हो जाता है खासकर पत्तियों की नसों के बीच का हिस्सा यह लक्षण भी नई पत्तियों में अधिक स्पष्ट होता है।
3. पत्तियों पर धब्बे- पत्तियों पर सफेद या भूरे रंग के धब्बे दिखाई देने लगते हैं यह धब्बे पत्तियों के किनारों और निचले हिस्से में अधिक होते हैं।
4. विकास में रुकावट- पौधों की वृद्धि धीमी हो जाती है और वे कमजोर हो जाते हैं जड़ें भी कमजोर हो जाती हैं और उनका विकास रुक जाता है।
5. पत्तियों का मुड़ना और सूखना- पत्तियां किनारों से मुड़ने लगती हैं और सूख जाती हैं यह लक्षण भी सबसे पहले नई पत्तियों में दिखाई देता है।
6. फूल और फल का गिरना- जिंक की कमी के कारण फूल और फल छोटे रह जाते हैं या गिर जाते हैं।
समाधान:-
1. जिंक भस्म जमीन पर डाले।
2. चिलेटेड जिंक का स्प्रे करें।

1. नई पत्तियों का विकृत होना- कैल्शियम की कमी से नई पत्तियां विकृत हो जाती हैं और उनका आकार असामान्य हो जाता है। यह लक्षण सबसे पहले नई पत्तियों में दिखाई देता है।
2. पत्तियों का पीला और भूरा होना- पत्तियों का रंग हल्का पीला हो जाता है और किनारों पर भूरे रंग के धब्बे दिखाई देने लगते हैं।
3. पत्तियों का मुड़ना और सूखना- पत्तियां किनारों से मुड़ने लगती हैं और सूख जाती हैं यह लक्षण भी सबसे पहले नई पत्तियों में दिखाई देता है।
4. जड़ों का कमजोर होना- कैल्शियम की कमी से जड़ें कमजोर हो जाती हैं, उनका विकास रुक जाता है।
5. फूल और फल का गिरना- कैल्शियम की कमी के कारण फूल और फल छोटे रह जाते हैं या गिर जाते हैं।
6. तने का पतला रह जाना- कैल्शियम की कमी से तना पतला और कमजोर हो जाता है जिससे पौधे की संरचना प्रभावित होती है।
समाधान:-
1. राह कैल जमीन पर डालें
2. राह
कैल का स्प्रे करें।

1. पत्तियों का पीला होना- मैग्नीशियम की कमी से पत्तियों का रंग हल्का पीला हो जाता है खासकर पुरानी पत्तियों में यह लक्षण सबसे पहले पत्तियों की नसों के बीच में दिखाई देता है, जबकि नसें हरी रहती हैं।
2. पत्तियों पर भूरे धब्बे- पत्तियों पर भूरे या काले धब्बे दिखाई देने लगते हैं यह लक्षण भी नसों के बीच अधिक स्पष्ट होता है।
3. पत्तियों का मुड़ना और सूखना- पत्तियां किनारों से मुड़ने लगती हैं और सूख जाती हैं यह लक्षण भी सबसे पहले पुरानी पत्तियों में दिखाई देता है।
4. पत्तियों का छोटा और विकृत होना - मैग्नीशियम की कमी से नई पत्तियां छोटी और विकृत हो जाती हैं।
5. पत्तियों का झड़ना- मैग्नीशियम की कमी से पत्तियां समय से पहले झड़ने लगती हैं।
6. विकास में रुकावट- पौधों की वृद्धि धीमी हो जाती है और वे कमजोर हो जाते हैं।
समाधान:-
1. राह सेल को जमीन पर डालें
2. राह खनिज तरल का स्प्रे भी करें।

1. पत्तियों का पीला होना- आयरन की कमी से पत्तियों का रंग हल्का पीला हो जाता है खासकर पत्तियों की नसों के बीच का हिस्सा यह लक्षण सबसे पहले नई पत्तियों में दिखाई देता है।
2. पत्तियों का सफेद होना- पत्तियों का रंग सफेद हो सकता है विशेषकर नई पत्तियों में यह लक्षण भी नसों के बीच अधिक स्पष्ट होता है।
3. पत्तियों का छोटा और विकृत होना- आयरन की कमी से नई पत्तियां छोटी और विकृत हो जाती हैं।
4. पत्तियों का झड़ना- आयरन की कमी से पत्तियां समय से पहले झड़ने लगती हैं
5. विकास में रुकावट- पौधों की वृद्धि धीमी हो जाती है और वे कमजोर हो जाते हैं।
समाधान:-
1. राह लौह भस्म जमीन पर डालें
2. राह खनिज तरल का स्प्रे करें।

1. पत्तियों का पीला होना- आयरन की कमी से पत्तियों का रंग हल्का पीला हो जाता है खासकर पत्तियों की नसों के बीच का हिस्सा यह लक्षण सबसे पहले नई पत्तियों में दिखाई देता है।
2. पत्तियों का सफेद होना- पत्तियों का रंग सफेद हो सकता है विशेषकर नई पत्तियों में यह लक्षण भी नसों के बीच अधिक स्पष्ट होता है।
3. पत्तियों का छोटा और विकृत होना- आयरन की कमी से नई पत्तियां छोटी और विकृत हो जाती हैं।
4. पत्तियों का झड़ना- आयरन की कमी से पत्तियां समय से पहले झड़ने लगती हैं।
5. विकास में रुकावट- पौधों की वृद्धि धीमी हो जाती है और वे कमजोर हो जाते हैं।
समाधान:-
1. राह लौह भस्म जमीन पर डालें
2. राह खनिज तरल का स्प्रे करें।

1. पत्तियों का पीला होना- कापर की कमी से पत्तियों का रंग हल्का पीला हो जाता है खासकर नई पत्तियों में यह लक्षण सबसे पहले पत्तियों की नसों के बीच में दिखाई देता है।
2. पत्तियों पर भूरे धब्बे- पत्तियों पर छोटे भूरे या काले धब्बे दिखाई देने लगते हैं यह लक्षण भी नसों के बीच अधिक स्पष्ट होता है।
3. पत्तियों का मुड़ना और सूखना- पत्तियां किनारों से मुड़ने
लगती हैं और सूख जाती हैं यह लक्षण भी सबसे पहले नई पत्तियों में दिखाई देता है।
4. पत्तियों का छोटा और विकृत होना- कापर की कमी से नई पत्तियां छोटी और विकृत हो जाती हैं।
5. पत्तियों का झड़ना- कापर की कमी से पत्तियां समय से पहले झड़ने लगती हैं।
6. विकास में रुकावट- पौधों की वृद्धि धीमी हो जाती है और वे कमजोर हो जाते हैं।
समाधान:-
1. राह खनिज भस्म जमीन पर डालें और राह कॉपर तरल
का स्प्रे करें।

1. रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी- सिलिकॉन की कमी से पौधे की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो सकती है जिससे फफूंद और अन्य रोगों का खतरा बढ़ जाता है।
2. पत्तों पर धब्बे- पत्तों पर भूरे या काले धब्बे दिखाई दे
सकते हैं जो सिलिकॉन की कमी का संकेत हो सकते हैं।
3. पत्तों का मुड़ना- सिलिकॉन की कमी से पत्ते मुड़
सकते हैं या विकृत हो सकते हैं जिससे पौधे की वृद्धि प्रभावित हो सकती है।
4. पत्तों का कमजोर होना- सिलिकॉन की कमी से पत्ते कमजोर और पतले हो सकते हैं यह पौधे की संरचना को कमजोर कर सकता है।
5. पत्तों का पीला पड़ना- सिलिकॉन की कमी से पत्तों
का रंग पीला हो सकता है खासकर नई पत्तियों में।
समाधान:-
1. राह स्वाइल कंडिशनर जमीन पर डालें।
2. जैव रसायन, भस्म रसायन हर सिंचाई के पानी में मिलाकर दें।

1. पत्तियों का पीला होना- मोलिब्डेनम की कमी से पत्तियों का रंग हल्का पीला हो जाता है खासकर पुरानी पत्तियों में यह लक्षण सबसे पहले पत्तियों की नसों के बीच में दिखाई देता है।
2. पत्तियों का विकृत होना- नई पत्तियां विकृत और बेडौल हो जाती हैं पत्तियों के किनारे भंगुर और बदरंग हो सकते हैं।
3. पत्तियों पर भूरे धब्बे- पत्तियों पर छोटे भूरे या काले धब्बे दिखाई देने लगते हैं यह लक्षण भी नसों के बीच अधिक स्पष्ट होता है।
4. पत्तियों का मुड़ना और सूखना- पत्तियां किनारों से मुड़ने लगती हैं और सूख जाती हैं यह लक्षण भी सबसे पहले पुरानी पत्तियों में दिखाई देता है।
5. पत्तियों का झड़ना- मोलिब्डेनम की कमी से पत्तियां समय से पहले झड़ने लगती हैं।
6. विकास में रुकावट- पौधों की वृद्धि धीमी हो जाती है और वे कमजोर हो जाते हैं।
समाधान:-
1. राह खनिज भस्म को जमीन पर डाले।
2. राह खनिज तरल का स्प्रे करें।
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